Cow Farming Subsidy : स्वरोजगार को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ी पहल की है। डेयरी व्यवसाय शुरू करने वाले उद्यमियों को अब ₹5 करोड़ तक की सब्सिडी दी जाएगी। यह योजना विशेष रूप से उन युवाओं और किसानों के लिए फायदेमंद है, जो डेयरी यूनिट खोलना चाहते हैं लेकिन पूंजी की कमी के कारण पीछे हट जाते हैं।
डेयरी व्यवसाय के लिए क्यों खास है यह योजना?
आज के समय में डेयरी उद्योग एक तेजी से उभरता हुआ लाभकारी व्यवसाय है। पर इसकी शुरुआत में निवेश की आवश्यकता होती है। इसीलिए सरकार ने एक विस्तृत सब्सिडी योजना की घोषणा की है, ताकि आम लोग भी इससे जुड़ सकें।
किन कार्यों के लिए मिलेगी सब्सिडी?
उत्तर प्रदेश सरकार की यह योजना डेयरी व्यवसाय से जुड़े कई घटकों को कवर करती है:
कार्य | सब्सिडी दर | अधिकतम सीमा |
---|---|---|
दुग्धशाला/डेयरी यूनिट | लागत का 35% | ₹5 करोड़ |
पशु आहार उत्पादन यूनिट | लागत का 35% | ₹5 करोड़ |
डेयरी प्लांट का आधुनिकीकरण | लागत का 35% | ₹2.5 करोड़ |
ट्रेसेबिलिटी व क्वालिटी कंट्रोल मशीनें | लागत का 35% | ₹1 करोड़ |
कोल्ड चेन सिस्टम (फ्रीजर, वैन, टैंकर) | लागत का 35% | ₹1 करोड़ |
पशु आहार यूनिट का विस्तार | लागत का 35% | ₹2 करोड़ |
छोटे व्यवसायों के लिए मशीनरी | लागत का 50% | ₹50 लाख |
आवेदन कैसे करें?
कामधेनु डेयरी योजना के तहत आवेदन करने के लिए ये प्रक्रिया अपनाएं:
नजदीकी पशुपालन विभाग कार्यालय से संपर्क करें।
कामधेनु डेयरी योजना का आवेदन फॉर्म प्राप्त करें।
फॉर्म में पूरी जानकारी भरें और आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें:
पहचान पत्र (आधार, वोटर ID)
निवास प्रमाण पत्र
ज़मीन के दस्तावेज
प्रोजेक्ट रिपोर्ट
बैंक स्टेटमेंट
PAN कार्ड
भरा हुआ फॉर्म संबंधित कार्यालय में जमा करें।
कौन उठा सकता है लाभ?
यह योजना निम्न लोगों के लिए है:
नवोदित उद्यमी
किसान
पशुपालन से जुड़े ग्रामीण
स्वरोजगार के इच्छुक युवा
क्यों फायदेमंद है यह योजना?
बिना ब्याज के सब्सिडी
₹5 करोड़ तक की आर्थिक सहायता
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन
डेयरी सेक्टर में निवेश को बढ़ावा
गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार
अगर आप डेयरी व्यवसाय में कदम रखना चाहते हैं, तो उत्तर प्रदेश सरकार की यह योजना आपके लिए सुनहरा अवसर हो सकती है। सही योजना, मजबूत प्रोजेक्ट रिपोर्ट और समय पर आवेदन से आप न सिर्फ खुद को, बल्कि अपने गांव या शहर को भी आत्मनिर्भर बना सकते हैं।