हरियाणा में प्राकृतिक खेती को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन: सैनी सरकार इन किसानों को देगी 20000 रुपये

हरियाणा सरकार ने राज्य को प्राकृतिक खेती का मॉडल प्रदेश बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर ...

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वैशाली वर्मा

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हरियाणा गेहूं के खेत में

हरियाणा सरकार ने राज्य को प्राकृतिक खेती का मॉडल प्रदेश बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर हिसार में आयोजित प्राकृतिक खेती सम्मेलन के दौरान कई अहम घोषणाएं करते हुए कहा कि किसानों को अब प्राकृतिक और जैविक खेती के उत्पादों के लिए विशेष मार्केटिंग और सब्सिडी मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए गुरुग्राम में प्राकृतिक व जैविक उत्पादों की मंडी बनाई जाएगी, जहां गेहूं, धान, दाल जैसे उत्पाद बिक सकेंगे। वहीं फल और सब्जियों के लिए जैविक मंडी हिसार में स्थापित की जाएगी।


किसानों को मिलेगी ये सुविधाएं:

  • ₹20,000 की सहायता ब्रांडिंग और पैकेजिंग के लिए

  • प्राकृतिक उत्पादों की जांच के लिए मुफ्त प्रयोगशाला

  • देसी गाय खरीदने पर ₹30,000 की सब्सिडी

  • प्राकृतिक खेती में प्रयोग होने वाले 4 ड्रमों की खरीद पर ₹3,000 की सहायता

  • पंचायती जमीन में 10% भूमि या कम से कम 1 एकड़ प्राकृतिक खेती के लिए आरक्षित

  • भूमिहीन किसानों को नीलामी के माध्यम से खेती के लिए भूमि आवंटन


नई समितियां और पोर्टल

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के तहत एक समिति बनाई जाएगी, जो प्राकृतिक उत्पादों का उचित मूल्य निर्धारणसुनिश्चित करेगी। इसके अलावा सरकार द्वारा शुरू किए गए प्राकृतिक खेती पोर्टल पर अब तक 1.84 लाख से अधिक किसानों ने 2.73 लाख एकड़ भूमि का पंजीकरण कराया है।


प्रशिक्षण और कार्यक्रम

राज्य सरकार ने किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए कुरुक्षेत्र, जींद, सिरसा और करनाल में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए हैं। अब तक:

  • 720 किसान गोष्ठियां

  • 22 कार्यशालाएं

  • 1 राज्य स्तरीय मेला
    आयोजित किया जा चुका है, जिनमें 35 हजार से अधिक किसान भाग ले चुके हैं।


वर्ष 2025-26 का लक्ष्य: एक लाख एकड़ भूमि

मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि सरकार का उद्देश्य 2025-26 तक एक लाख एकड़ भूमि को प्राकृतिक खेती के अधीन लाना है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा, बल्कि किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा मिलेगा।


आचार्य देवव्रत का आह्वान – प्राकृतिक खेती है भविष्य

गुजरात के राज्यपाल और प्राकृतिक खेती के समर्थक आचार्य देवव्रत ने कहा कि रासायनिक खेती के कारण बीमारियों की संख्या बढ़ रही है, जैसे कैंसर, हार्ट अटैक और शुगर। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन का हिस्सा बनें। केंद्र सरकार इस मिशन पर 2025-26 तक ₹1481 करोड़ खर्च कर रही है।


कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा बोले – मिट्टी की उर्वरा शक्ति बचाने का वक्त

हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने किसानों से कहा कि यह सम्मेलन एक प्रेरणा बने और किसान अब प्राकृतिक खेती अपनाकर स्वस्थ राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।


हरियाणा सरकार की यह योजना राज्य को रासायनिक खेती के दुष्चक्र से निकालने की एक बड़ी पहल है। यदि किसान इस योजना का लाभ उठाते हैं, तो यह न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश के लिए एक मॉडल बन सकता है, जहां साफ पर्यावरण, स्वस्थ फसल और समृद्ध किसान का सपना साकार हो सकता है।

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