हरियाणा ओटीएस योजना 2025: हरियाणा सरकार ने करदाताओं को राहत देने और लंबित अप्रत्यक्ष कर बकाया मामलों को निपटाने के लिए वन टाइम सेटलमेंट (OTS) योजना 2025शुरू की है। यह योजना मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा 23 मार्च 2025 को घोषित की गई थी और इसका उद्देश्य जीएसटी लागू होने से पहले के बकाया कर मामलों का समाधान करना है। योजना 1 अप्रैल 2025 से शुरू होकर छह महीने तक खुली रहेगी।
हरियाणा ओटीएस योजना 2025 क्या है?
OTS योजना 2025 हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई एक विशेष योजना है, जो जुलाई 2017 से पहले लागू 7 विरासत कर कानूनों के तहत बकाया कर को सरल और रियायती तरीके से निपटाने की सुविधा देती है। योजना का मुख्य उद्देश्य करदाताओं को बिना दंड या ब्याज के अपने बकाया का निपटारा करने का अवसर देना है।
कौन-कौन से कर कानून शामिल हैं?
यह योजना निम्नलिखित कर अधिनियमों के तहत बकाया निपटान के लिए लागू है:
हरियाणा वैट अधिनियम, 2003
केंद्रीय बिक्री कर अधिनियम, 1956
हरियाणा विलासिता कर अधिनियम, 2007
हरियाणा मनोरंजन शुल्क अधिनियम, 1955
हरियाणा सामान्य बिक्री कर अधिनियम, 1973
हरियाणा स्थानीय क्षेत्र विकास कर अधिनियम, 2000
हरियाणा स्थानीय क्षेत्रों में माल के प्रवेश पर कर अधिनियम, 2008
योजना की विशेषताएं
ब्याज और जुर्माने में 100% छूट।
₹10 लाख तक के बकाये पर ₹1 लाख तक की कर छूट।
स्लैब के अनुसार मूल कर में भारी छूट।
कुल बकाया कर | छूट | देय कर (OTS के तहत) | ब्याज | जुर्माना |
---|---|---|---|---|
₹10 लाख तक | ₹1 लाख | शेष कर का 40% | 0% | 0% |
₹10 लाख – ₹10 करोड़ | कोई नहीं | देय कर का 50% | 0% | 0% |
₹10 करोड़ से अधिक | कोई नहीं | देय कर का 100% | 0% | 0% |
कौन आवेदन कर सकता है?
30 जून 2017 तक के कर बकाया रखने वाला कोई भी करदाता (पंजीकृत या अपंजीकृत) आवेदन कर सकता है।
बकाया राशि का औपचारिक निर्धारण होना अनिवार्य है।
कौन पात्र नहीं है?
जिनके विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही लंबित है।
जिनका बकाया गलत रिफंड से संबंधित है।
जिनके पास 2023 OTS योजना के तहत सक्रिय, अनसुलझा आवेदन है (विशिष्ट वर्ष/अधिनियम के लिए)।
भुगतान विकल्प
₹10 लाख तक के बकाये के लिए: पूरी राशि अग्रिम भुगतान करना होगा।
₹10 लाख से अधिक के लिए:
आवेदन के समय 50% भुगतान।
शेष 50% भुगतान OTS-4A आदेश के 60 दिनों के भीतर करना होगा।
ध्यान दें: यदि दूसरी किस्त समय पर जमा नहीं होती है, तो आवेदन अस्वीकार कर दिया जाएगा और जमा राशि मौजूदा देनदारियों में समायोजित कर ली जाएगी। कोई रिफंड नहीं मिलेगा।
गैर-हरियाणा पंजीकृत करदाता भी आवेदन कर सकते हैं
यह योजना उन करदाताओं के लिए भी खुली है जो हरियाणा में पंजीकृत नहीं हैं लेकिन जिनकी देनदारी हरियाणा कानून के तहत आती है।
योजना के फायदे
लंबित बकाया मामलों को निपटाने का सुनहरा अवसर।
ब्याज और जुर्माने से पूरी छूट।
लचीला भुगतान विकल्प।
सरल और पारदर्शी आवेदन प्रक्रिया।
निष्कर्ष
हरियाणा ओटीएस योजना 2025 छोटे और मध्यम व्यापारियों के लिए कर विवादों को हल करने का एक ऐतिहासिक मौका है। यह योजना न केवल करदाताओं को राहत देती है बल्कि सरकार के लिए भी बकाया वसूली को आसान बनाती है। करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे इस योजना का लाभ समय रहते उठाएं और अपने पुराने कर मामलों को निपटा लें।