हरियाणा में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक नई पहल शुरू की है। अब वह ग्राम पंचायत जो अपने गांव में सबसे अधिक सोलर पैनल स्थापित करेगी, उसे ₹1 करोड़ रुपये की विशेष अनुदान राशि से सम्मानित किया जाएगा। यह योजना प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत चलाई जा रही है।
जिले के 29 गांवों में शुरू हुई सोलर प्रतिस्पर्धा
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि झज्जर जिले के 29 गांवों को इस महत्वाकांक्षी योजना में शामिल किया गया है। ये सभी गांव 2011 की जनगणना के अनुसार 5,000 से अधिक जनसंख्या वाले हैं। इन गांवों के बीच 3 जून 2025 से 2 दिसंबर 2025 तक 6 महीने की प्रतियोगिता चलेगी, जिसमें सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले गांव को “मॉडल सौर ग्राम” घोषित किया जाएगा।
डीसी पाटिल बोले- ऊर्जा स्वावलंबन की ओर बढ़ते कदम
झज्जर के उपायुक्त स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने बताया कि केंद्र सरकार की इस योजना का उद्देश्य गांवों में हर घर तक सौर ऊर्जा पहुंचाना और स्वच्छ ऊर्जा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि सोलर उपकरणों की स्थापना से न केवल बिजली की बचत होगी, बल्कि पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा।
कमेटी गठन और योजनाओं का समन्वय
एडीसी जगनिवास ने जानकारी दी कि योजना को गति देने के लिए जिला स्तर पर एक समिति का गठन किया गया है। इस योजना में शामिल अन्य उपयोजनाएं हैं:
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
प्रधानमंत्री कुसुम सोलर वॉटर पंप योजना
सोलर स्ट्रीट लाइट परियोजना
ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट योजना
जो पंचायतें इन योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाएंगी, उन्हें “मॉडल सौर ग्राम” घोषित किया जाएगा।
गांवों में चलाया जाएगा जागरूकता अभियान
उपायुक्त ने अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिए हैं कि वे सरपंचों और ग्राम सचिवों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाएं। ग्रामीणों को इन योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और उन्हें आवेदन करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
इन 29 गांवों को किया गया है योजना में शामिल:
गुभाना
गोच्छी
बामनोली
बिरधाना
खेड़ी खुम्मार
अकेहड़ी मदनपुर
मातन
बराही
कानौंदा
साल्हावास
खरहर
मेहराणा
बिरोहड़
भापड़ौदा
बहु
पाटोदा
आसौदा टोडरान
खानपुर खुर्द
दुजाना
बुपनिया
दुलहेड़ा
बहराणा
मातनहेल
रोहद
माजरा डी
मांडोठी
बादली
छारा
डीघल
हरियाणा सरकार की यह पहल ग्रामीण विकास और हरित ऊर्जा के समावेश का उत्कृष्ट उदाहरण है। यदि यह योजना सफल होती है, तो न केवल बिजली बिलों में कमी आएगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। साथ ही गांवों की पहचान आदर्श सौर ग्राम के रूप में स्थापित होगी।