चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी ‘लाडो लक्ष्मी योजना’ को पलीता लगाने की एक बड़ी कोशिश का पर्दाफाश हुआ है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अनुसार, 1000 से अधिक पुरुषों ने महिला बनकर योजना का लाभ उठाने के लिए फर्जी आवेदन किए, लेकिन विभाग द्वारा विकसित किए गए मोबाइल ऐप के एक विशेष फीचर ने उनकी धोखाधड़ी को पकड़ लिया।
कैसे पकड़ा गया यह फर्जीवाड़ा?
‘लाडो लक्ष्मी योजना’ के लिए आवेदन प्रक्रिया 25 सितंबर से विशेष रूप से एक मोबाइल ऐप के माध्यम से शुरू की गई थी। इसी दौरान इन पुरुषों ने आधार कार्ड में हेराफेरी कर महिलाओं के नाम से आवेदन कर दिए।
लाइव फोटो फीचर: आवेदन प्रक्रिया के अंतिम चरण में, आवेदकों को एक लाइव फोटो अपलोड करना अनिवार्य था।
आधार से सत्यापन: जब इन लोगों ने अपनी लाइव तस्वीरें अपलोड कीं, तो ऐप के सिस्टम ने आधार कार्ड पर लगी तस्वीर और लाइव फोटो का मिलान किया। इस सत्यापन प्रक्रिया में यह हेराफेरी तुरंत पकड़ में आ गई और उनके आवेदनों को निरस्त कर दिया गया।
महाराष्ट्र से सबक लेकर हरियाणा ने उठाया था कदम
इस तरह के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी। अधिकारियों ने महाराष्ट्र की ‘मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना’ से सबक लिया था, जहां लगभग 13,000 पुरुषों ने महिला बनकर करीब ₹24 करोड़ की सरकारी राशि हड़प ली थी। इसी को ध्यान में रखते हुए, हरियाणा ने ‘लाडो लक्ष्मी योजना’ के ऐप में लाइव फोटो और हर महीने फेस ऑथेंटिकेशन जैसे फीचर जोड़े, ताकि कोई भी पुरुष महिला बनकर इस योजना का लाभ न उठा सके।
सरकार ने यह भी प्रावधान किया है कि यदि कोई व्यक्ति धोखाधड़ी से योजना का लाभ उठाता है, तो उससे पूरी राशि 12% ब्याज के साथ वसूली जाएगी।
अन्य चुनौतियां
खाते अपडेट न होना: इस फर्जीवाड़े के अलावा, विभाग ने पाया है कि लगभग 1500 महिलाओं के बैंक खाते अपडेट नहीं हैं, जिस कारण उन्हें योजना की पहली किस्त मिलने में देरी हो सकती है।
फर्जी लिंक और फॉर्म: योजना के नाम पर फर्जी लिंक और फॉर्म भी प्रसारित हो रहे हैं, जिसके खिलाफ सरकार ने एडवाइजरी जारी कर लोगों को केवल आधिकारिक मोबाइल ऐप से ही आवेदन करने की सलाह दी है।
राशन कार्ड कटने का डर: कुछ महिलाएं राशन कार्ड कटने के डर से आवेदन करने में हिचकिचा रही हैं, जिसके चलते सरकार को आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ानी पड़ी है।
विभाग अब सभी आवेदनों की और भी बारीकी से जांच कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाभ केवल पात्र महिलाओं तक ही पहुंचे।













