New Railway Line: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से मात्र 80 किलोमीटर दूर स्थित हरियाणा का नूंह जिला अब आखिरकार रेल नेटवर्क से जुड़ने जा रहा है। केंद्र सरकार ने लगभग पचास साल पुरानी इस ऐतिहासिक मांग को मंजूरी दे दी है। इससे न केवल नूंह, बल्कि आसपास के कई इलाकों को सीधा रेल कनेक्शन मिलेगा, जिससे यात्रा, व्यापार और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।
104 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन, 2028 तक पूरी होगी परियोजना
प्रस्तावित नई रेल लाइन की कुल लंबाई 104 किलोमीटर होगी और इसके तहत सात नए रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे। रेल मंत्रालय के अनुसार, इस परियोजना को अगले तीन वर्षों, यानी 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कॉरिडोर का निर्माण 2,500 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा और यह दिल्ली से सोहना, नूंह, फिरोजपुर झिरका होते हुए राजस्थान के अलवर तक जाएगा।
मेवात क्षेत्र के विकास को मिलेगी नई गति
मेवात क्षेत्र, जिसे 2005 में गुरुग्राम से अलग कर नूंह जिला बनाया गया था, अब तक रेलवे नेटवर्क से पूरी तरह जुड़ नहीं सका था। रेल सुविधा के अभाव में यहां के लोगों को रोजगार, आवाजाही और उद्योगों के विकास में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। नई रेल लाइन से नूंह की कनेक्टिविटी सुधरेगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में तेजी आएगी।
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत शुरू
यह परियोजना प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत शुरू की जा रही है, जिसका लक्ष्य देश के 115 अति पिछड़े जिलों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। नूंह भी इन्हीं जिलों में शामिल है।
1971 से चली आ रही थी मांग
दिलचस्प बात यह है कि इस रेल लाइन की मांग पहली बार 1971 में संसद में गुरुग्राम के तत्कालीन सांसद चौधरी तैयब हुसैन द्वारा उठाई गई थी। इसके बाद समय-समय पर इस मांग को दोहराया जाता रहा। हाल के वर्षों में भिवानी–महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह और गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने केंद्र सरकार के समक्ष इस मांग को मजबूती से रखा।
निष्कर्ष: इस ऐतिहासिक मंजूरी से नूंह जिला पहली बार देश के प्रमुख रेल मार्गों से सीधा जुड़ेगा। यह परियोजना पूरे मेवात क्षेत्र के लिए विकास के एक नए अध्याय की शुरुआत साबित होगी और यहां के निवासियों के जीवन में व्यापक बदलाव लाएगी।












