पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहा जल विवाद एक बार फिर गरमा गया है। पंजाब सरकार के जल स्रोत विभाग ने भाखड़ा मेन लाइन (BML) से छोड़े जा रहे पानी की मौजूदा स्थिति को स्पष्ट करते हुए हरियाणा सरकार पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है।
पंजाब के जल स्रोत मंत्री वरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि हरियाणा सरकार का 10300 क्यूसेक पानी मिलने का दावा पूरी तरह गलत है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भाखड़ा मेन लाइन से केवल 11,700 क्यूसेक पानी ही छोड़ा जा रहा है, जिसमें से पंजाब को 9690 क्यूसेक और हरियाणा को सिर्फ 6720 क्यूसेक पानी मिल रहा है।
गोयल ने यह भी कहा कि पंजाब अपने हिस्से के 9690 क्यूसेक में से केवल 2025 क्यूसेक पानी का ही उपयोग कर रहा है। उन्होंने हरियाणा सरकार और बीबीएमबी (Bhakra Beas Management Board) पर झूठे आंकड़े प्रस्तुत करने का आरोप लगाया और कहा कि इससे भविष्य में हरियाणा अधिक पानी की मांग करने का बहाना बना सकता है।
गोयल का बड़ा बयान:
“हरियाणा के मंत्री और मुख्यमंत्री को अपनी जनता से झूठ नहीं बोलना चाहिए। मीडिया में गलत बयानबाज़ी कर वे अपने कोटे से ज्यादा पानी की मांग करने की नींव रख रहे हैं।”
SYL नहर विवाद से भी जुड़ा है मुद्दा
यह जल विवाद SYL (सतलुज-यमुना लिंक) नहर के मुद्दे से भी जुड़ा हुआ है, जिसे लेकर पंजाब और हरियाणा दशकों से आमने-सामने हैं। अब भाखड़ा डैम से छोड़े जा रहे पानी को लेकर यह नया विवाद राजनीतिक और कानूनी मोड़ ले सकता है।
भाखड़ा डैम से छोड़े जा रहे पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच एक बार फिर विवाद गहरा गया है। पंजाब सरकार के ताज़ा आंकड़ों ने हरियाणा सरकार के दावों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। अब देखना होगा कि इस जल विवाद को लेकर केंद्र सरकार और बीबीएमबी क्या रुख अपनाते हैं।