चंडीगढ़। हरियाणा सरकार महिला भ्रूण हत्या और लिंगानुपात असंतुलन को लेकर सख्त रवैया अपना रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग जल्द ही 393 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी करने जा रहा है। इन कार्यकर्ताओं के क्षेत्र में उन महिलाओं ने अवैध गर्भपात कराया है, जिनके घर में पहले से दो या दो से अधिक बेटियां थीं।
ये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं के साथ ‘सहेली’ योजना के तहत नियुक्त थीं, लेकिन उनके क्षेत्र में हुए इन मामलों से सरकार सख्त नाराज है।
स्वास्थ्य सचिव ने दिए कड़े निर्देश
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने राज्य टास्क फोर्स की बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि एमटीपी और अल्ट्रासाउंड केंद्रों की निगरानी कड़ी की जाए। किसी भी स्थिति में अवैध लिंग जांच और गर्भपात नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में जन्म लेने वाले हर बच्चे का 100% पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए। विशेषकर मेवात, फरीदाबाद, पलवल और गुरुग्राम जैसे जिलों में एनजीओ की मदद से इस कार्य में तेजी लाई जाएगी।
किन्नर समाज की भागीदारी की अपील
राज्य सरकार ने किन्नर समुदाय से अपील की है कि वे बधाई मांगते समय यह जानकारी एकत्र करें कि नवजात लड़का क्या दो या तीन लड़कियों के बाद हुआ है। यदि ऐसा मामला सामने आता है, तो उसे स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी जाए।
स्लम एरिया में होंगे विशेष कैंप
कम पंजीकरण वाले शहरी गरीब इलाकों (स्लम एरिया) में विशेष कैंप लगाकर नवजात बच्चों का पंजीकरण किया जाएगा। इसके साथ ही अंतरजिला टीमें गठित कर अवैध लिंग जांच और गर्भपात के मामलों की निरीक्षण प्रक्रिया तेज की जाएगी।
लिंगानुपात में सुधार लेकिन सतर्कता ज़रूरी
स्वास्थ्य सचिव ने यह भी कहा कि राज्य में बेटियों के लिंगानुपात में सुधार हुआ है, लेकिन इस दिशा में प्रयास जारी रखने होंगे। उन्होंने एमटीपी और आईवीएफ केंद्रों की निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए ताकि लिंगानुपात संतुलित बना रहे।
जागरूकता के लिए डाक्यूमेंट्री और अभियान
महिला एवं बाल विकास विभाग अब बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए डाक्यूमेंट्री फिल्मों और इंटरनेट मीडिया का सहारा लेगा। साथ ही, इस अभियान से पंचायतीराज प्रतिनिधि, आशा वर्कर्स और एनजीओ को जोड़ा जाएगा ताकि समाज में जड़ जमा चुकी मानसिकता को बदला जा सके।