हरियाणा में कच्चे कर्मचारियों को बड़ी राहत: हाईकोर्ट ने सुना दिया बड़ा फ़ैसला, आदेश जारी

हरियाणा बिजली निगम (Haryana Bijli Nigam) में लंबे समय से कार्यरत कच्चे कर्मचारियों के लिए हाईकोर्ट से बड़ी राहत की खबर आई है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार ...

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वैशाली वर्मा

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हरियाणा बिजली निगम (Haryana Bijli Nigam) में लंबे समय से कार्यरत कच्चे कर्मचारियों के लिए हाईकोर्ट से बड़ी राहत की खबर आई है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि छह हफ्तों के भीतर इन कर्मचारियों को नियमित किया जाए, अन्यथा अवमानना की कार्यवाही शुरू होगी।

30 साल से कच्चे, 9 बार कोर्ट के चक्कर

मामले से जुड़ी जानकारी के मुताबिक, कई कर्मचारी 1995 से लगातार काम कर रहे हैं। तीन दशक से अधिक समय बीत जाने के बावजूद इन्हें स्थायी नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि पहले के अनुकूल फैसलों के बावजूद कर्मचारियों को बार-बार अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। कर्मचारियों को पिछले 30 वर्षों में 9 बार न्यायालय जाना पड़ा, जो उनके शोषण को दर्शाता है।

जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ की कड़ी टिप्पणी

इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने कहा –

  • यदि छह सप्ताह में कोई आदेश जारी नहीं होता, तो याचिकाकर्ताओं को उनके सहकर्मी वीर बहादुर की तरह सभी लाभ, वरिष्ठता और बकाया राशि के साथ नियमित माना जाएगा।

  • राज्य एक संवैधानिक नियोक्ता (Constitutional Employer) है, वह स्वीकृत पदों की कमी या कर्मचारियों की शैक्षिक योग्यता का बहाना बनाकर उन्हें कच्चा नहीं रख सकता।

  • वर्षों तक अस्थायी कर्मचारियों से नियमित कार्य कराना न केवल असंवैधानिक है, बल्कि यह समानता और गरिमा के अधिकार का भी उल्लंघन है।

सरकार पर जिम्मेदारी तय

कोर्ट ने साफ कहा कि सरकार अब कर्मचारियों के साथ और लापरवाही नहीं बरत सकती। लगातार सेवा देने वाले कर्मचारियों को अस्थायी बनाए रखना शोषण की श्रेणी में आता है। सरकार को चाहिए कि वह नियमितीकरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाए और बिना देरी फैसले पर अमल करे।

कर्मचारियों में खुशी की लहर

हाईकोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा बिजली निगम में वर्षों से काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों में खुशी की लहर है। उनका कहना है कि वे लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार और निगम उन्हें टालते रहे। अब कोर्ट का आदेश उनके लिए उम्मीद की किरण है।

क्यों है मामला अहम?

  • हरियाणा बिजली निगम में हजारों कर्मचारी लंबे समय से कच्चे आधार पर काम कर रहे हैं।

  • इन कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों की तरह कार्य तो करना पड़ता है, लेकिन सुविधाओं, पेंशन, वेतनमान और वरिष्ठता का लाभ नहीं मिलता।

  • हाईकोर्ट का यह फैसला अन्य विभागों में कार्यरत कच्चे कर्मचारियों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।

विशेषज्ञों की राय

कानूनी जानकारों का कहना है कि यह फैसला केवल बिजली निगम तक सीमित नहीं रहेगा। यदि सरकार इसे लागू करती है, तो अन्य विभागों के कच्चे कर्मचारी भी नियमितीकरण की मांग तेज करेंगे। वहीं, कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार को अब “कच्चे से पक्के” करने की नीति स्पष्ट करनी होगी।


हरियाणा हाईकोर्ट का यह फैसला न सिर्फ बिजली निगम में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए राहत है, बल्कि यह सरकार के लिए भी एक बड़ा संदेश है कि किसी भी कर्मचारी को लंबे समय तक कच्चे आधार पर काम करवाना संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है। आने वाले समय में यह आदेश हरियाणा के हजारों कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित कर सकता है।


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