मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को किसानों के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं और वित्तीय सहायता का लेखा-जोखा पेश किया। उन्होंने बताया कि सरकार ने भावांतर भरपाई योजना के तहत अकेले बाजरा उत्पादक किसानों के लिए 380 करोड़ रुपये जारी किए हैं। साथ ही, पिछले 11 वर्षों में प्राकृतिक आपदा से फसल नुकसान पर 15,728 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया गया है।
किसानों के समर्थन में सरकार के प्रमुख कदम:
समर्थन मूल्य पर सभी 24 फसलों की खरीद: सीएम ने कहा कि आज किसानों की सभी 24 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की जा रही है और भुगतान सीधे उनके खाते में होता है।
मुआवजे का त्वरित प्रावधान: केवल खरीफ सीजन-2025 में ही 53,821 किसानों को 116.51 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है।
कृषि ऋण ब्याज माफी: एकमुश्त निपटान योजना के तहत 6,81,182 किसानों और गरीब मजदूरों के 2,266 करोड़ रुपये के बकाया ब्याज को माफ किया गया है।
आबियाना खत्म और बकाया माफी: अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे आबियाना (भू-राजस्व) को समाप्त कर दिया गया है और पुराने 133.55 करोड़ रुपये के बकाया को भी माफ किया गया है।
कृषि यंत्रों पर सब्सिडी और स्टांप शुल्क में कमी: किसानों को बिजाई से कटाई तक के यंत्रों पर सब्सिडी दी जाती है। साथ ही, बैंक लेनदेन पर स्टांप शुल्क 2000 रुपये से घटाकर 10 रुपये कर दिया गया है।
सूक्ष्म सिंचाई और प्राकृतिक खेती पर जोर
सीएम सैनी ने किसान मोर्चा के पदाधिकारियों से आह्वान किया कि वे किसानों को सूक्ष्म सिंचाई अपनाने के लिए प्रेरित करें, जिससे पानी की बचत के साथ-साथ उत्पादन लागत भी कम होगी। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती योजना के तहत 31,873 एकड़ में 19,723 किसानों का सत्यापन किया जा चुका है। इसके अलावा, हरियाणा आपरेशनल पायलट प्रोजेक्ट से 1,54,985 एकड़ भूमि का सुधार हो चुका है।
मुख्यमंत्री नायब सैनी का यह संबोधन हरियाणा सरकार की किसान-केंद्रित नीतियों और उनके लिए किए जा रहे भारी वित्तीय प्रावधानों को रेखांकित करता है। बाजरा किसानों को 380 करोड़ की भावांतर भरपाई, हजारों करोड़ रुपये के मुआवजे और ऋण माफी जैसे कदम किसानों की आय बढ़ाने और उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस प्रयास हैं। सरकार का फोकस अब आधुनिक और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने पर भी है।













