Haryana Excise Policy: हरियाणा की नई एक्साइज पॉलिसी लागू: गांवों में नहीं खुलेंगे शराब ठेके, बढ़ेगी अंग्रेजी शराब की कीमत

Haryana Excise Policy: आबकारी विभाग ने हरियाणा की नई एक्साइज पॉलिसी 2025 का ऐलान कर दिया है। इस बार कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जिनमें सबसे अहम फैसला गुरुकुल ...

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वैशाली वर्मा

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Haryana Excise Policy

Haryana Excise Policy: आबकारी विभाग ने हरियाणा की नई एक्साइज पॉलिसी 2025 का ऐलान कर दिया है। इस बार कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जिनमें सबसे अहम फैसला गुरुकुल वाले गांवों में शराब के ठेके न खोलने को लेकर है। इसके अलावा कॉलेजों से दूरी घटाना, ग्रामीण क्षेत्रों में ठेकों की सीमा तय करना और शराब की कीमतों में वृद्धि जैसे प्रावधान भी शामिल हैं।


गुरुकुल वाले गांवों में नहीं खुलेंगे ठेके

  • हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया है कि जहां गुरुकुल संचालित हो रहे हैं, उन गांवों में अब शराब के ठेके नहीं खोले जाएंगे।

  • गुरुकुलों में शराब को व्यसन माना जाता है, और आर्य समाज व स्थानीय समुदाय इस पर लंबे समय से आपत्ति जता रहे थे।

  • इस फैसले से शराब ठेकेदारों को बड़ा झटका लगा है।


कॉलेज से ठेके की दूरी घटाई गई

  • अब शहरी क्षेत्रों में कॉलेज से केवल 75 मीटर की दूरी पर शराब ठेका खोला जा सकेगा।

  • पहले यह सीमा 150 मीटर थी, जिसे घटा दिया गया है।


ग्रामीण क्षेत्रों में सख्ती

  • गांवों में 2 किलोमीटर के दायरे में केवल 1 शराब ठेका ही खोला जा सकेगा।

  • इसी क्षेत्र में कोई सब ब्रांच भी नहीं खोली जा सकती।

  • शराब ठेका अब गांव की बाहरी फिरनी से कम से कम 100 मीटर दूर होगा।

  • अगर कोई आसपास का घर आता है, तो वहां के मुखिया से एनओसी (No Objection Certificate) लेनी होगी।


बढ़ेगी शराब की कीमत

  • इस बार एक्साइज ड्यूटी और रिजर्व प्राइस बढ़ाई गई है।

  • इसके चलते अंग्रेजी शराब के दाम में 15% तक की वृद्धि हो सकती है।

  • आम उपभोक्ताओं को शराब अब और महंगी कीमत पर मिलेगी।


नया नियम शराब कारोबारियों के लिए चुनौती

हरियाणा की नई एक्साइज पॉलिसी 2025 का असर शराब व्यापार से जुड़े लोगों पर सीधा पड़ेगा। गुरुकुल क्षेत्रों में ठेकों पर रोक, ग्रामीण क्षेत्रों में सीमा निर्धारण और दामों में बढ़ोतरी से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और लागत भी।


हरियाणा सरकार का यह कदम सांस्कृतिक मूल्यों और सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखकर उठाया गया है। गुरुकुल जैसे धार्मिक-शैक्षिक स्थानों की पवित्रता बनाए रखने के लिए लिया गया निर्णय राज्य में सकारात्मक संकेत देता है। वहीं शराब के बढ़ते दाम और कम होती दूरी पर नीति का विरोध भी देखने को मिल सकता है।

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