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हरियाणा में दो किसानों दिया था कंपनी ने खराब बीज, कोर्ट का फ़ैसला, अब कंपनी को देना होगा 8 लाख मुआवजा

On: November 20, 2025 7:48 AM
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हरियाणा

हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने एक कोल्ड स्टोर कंपनी के खिलाफ दो किसानों की शिकायत पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कंपनी को 8 लाख रुपये का मुआवजा अदा करने का आदेश दिया है। फोरम ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह रकम 45 दिनों के भीतर 9% वार्षिक ब्याज के साथ चुकाई जाए, अन्यथा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 72 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

क्या है पूरा मामला?

शिकायतकर्ता किसान मोहिंदर पाल और संदीप कुमार ने अपना आलू बीज सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोर कंपनी के साथ अनुबंध किया था। उन्होंने कुल 4,084 बैग आलू बीज (मोहिंदर पाल के 1925 और संदीप कुमार के 2159 बैग) कंपनी के कोल्ड स्टोर में जमा कराए थे। किसानों ने एडवांस किराये के तौर पर कंपनी को लगभग 5 लाख रुपये का भुगतान भी किया था। किसानों का आरोप था कि कंपनी ने बीज के खराब होने की स्थिति में उचित मुआवजा देने का वादा किया था।

कोल्ड स्टोर में ही खराब हुए सभी बैग

मामला तब गंभीर हो गया जब अगस्त-सितंबर 2023 में किसानों ने अपना माल निकालने के लिए कोल्ड स्टोर का दौरा किया। वहाँ पहुँचने पर उन्होंने पाया कि कोल्ड स्टोर में रखे सारे आलू बीज सड़े हुए, काले पड़े हुए और अंकुरित थे। किसानों ने फोरम में आरोप लगाया कि कोल्ड स्टोर में तापमान नियंत्रण ठीक से नहीं रखा गया, जिसके कारण उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।

इसके अलावा, किसानों ने यह गंभीर आरोप भी लगाया कि कंपनी ने उनसे कई खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवाए और 31 अक्टूबर 2023 तक मुआवजा देने का आश्वासन दिया, लेकिन बाद में कंपनी ने भुगतान करने से साफ इनकार कर दिया।

कंपनी ने नहीं दी कोर्ट में हाजिरी

फोरम ने अपने फैसले में उल्लेख किया कि विपक्षी पक्ष (कोल्ड स्टोर कंपनी) 20 दिसंबर 2023 के बाद अदालत में उपस्थित ही नहीं हुआ। इस वजह से मामले की सुनवाई एकतरफा तरीके से आगे बढ़ी।

फोरम का स्पष्ट तर्क और आदेश

जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष डॉ. नीलिमा शांगला और सदस्यों की पीठ ने कहा कि कोर्ट में पेश किए गए सभी दस्तावेज और सबूत किसानों को हुए नुकसान को स्पष्ट रूप से सिद्ध करते हैं। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कोल्ड स्टोर कंपनी ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने में पूरी तरह विफल रही।

अंततः फोरम ने कंपनी को 8 लाख रुपये का मुआवजा, जिस पर 9% वार्षिक ब्याज लगेगा, किसानों को अदा करने का आदेश दिया है। साथ ही, कंपनी को 5,000 रुपये का मुकदमा खर्च भी वहन करना होगा। यदि कंपनी 45 दिनों के भीतर यह रकम जमा नहीं कराती है, तो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 72 के तहत और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

यह फैसला उन सभी किसानों के लिए एक बड़ी राहत और मिसाल कायम करता है, जो ऐसी ही परिस्थितियों में निजी कंपनियों द्वारा शोषण का शिकार होते हैं।


वैशाली वर्मा

वैशाली वर्मा पत्रकारिता क्षेत्र में पिछले 3 साल से सक्रिय है। इन्होंने आज तक, न्यूज़ 18 और जी न्यूज़ में बतौर कंटेंट एडिटर के रूप में काम किया है। अब मेरा हरियाणा में बतौर एडिटर कार्यरत है।

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